ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ मिलने के खिलाफ की जा रही राजनीतिक साज़िश
ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ मिलने के
खिलाफ की जा रही राजनीतिक साज़िश
ठाणे। देश में ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ उठाने से वंचित करने के लिए राजनीतिक साजिश अभी भी चल रही है । वर्ष 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में देश में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गई। लेकिन अब भी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ओबीसी समाज को नौकरी और राजनीति में अपेक्षित आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। इसके खिलाफ ठाणे राकांपा द्वारा ठाणे जिला अधिकारी कार्यालय पर विरोध मशाल मोर्चा निकाल कर अपने गुस्से का इजहार किया । महाराष्ट्र के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में यह विरोध आंदोलन किया गया।
राकांपा ओबीसी सेल के ठाणे जिला शहर अध्यक्ष गजानन चौधरी और ओबीसी नेता राजापुरकर के नेतृत्व में विरोध आंदोलन किया गया । इन नेताओं का कहना था कि वर्ष 1990 में ही मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया । लेकिन लागू करने के बाद ही कई तरह के राजनीतिक व्यवधान पैदा की गई। जिस कारण मंडल आयोग का लाभ ओबीसी समाज को मिल नहीं रहा है । आंदोलनकारियों का कहना था कि देश में मंडल आयोग की सिफारिशों को 100% अभी भी लागू नहीं किया गया है। जो ओबीसी समाज के साथ अन्याय है । इसी के खिलाफ मंडल आयोग के समर्थन में ठाणे राकांपा द्वारा मशाल जलाकर विरोध आंदोलन किया गया।
विरोध आंदोलन के दौरान ओबीसी नेता राजापुरकर ने आरोप लगाया कि ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ मिलने से केंद्र की भाजपा सरकार रोकने की साजिश कर रही है। ऐसी साजिश को विफल करने के लिए ओबीसी समाज को विरोध आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ रहा है । वैसे तो मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद ओबीसी समाज को नौकरी और राजनीति में आरक्षण मिलना शुरू हो गया था। लेकिन आज भाजपा जैसी राजनीतिक शक्ति ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ मिलने से रोकने के प्रयास में लगी हुई है।
दूसरी ओर राकांपा के ओबीसी विभाग के ठाणे जिला अध्यक्ष गजानन चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ओबीसी समाज की जनसंख्या रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर इस समाज को आरक्षण का लाभ उठाने से वंचित कर रही है। इसके साथ ही कई तरह के व्यवधान भी खड़े किए जा रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो ओबीसी समाज अपना बलिदान देने के लिए पीछे नहीं हटेगा । केंद्र सरकार पूरी तरह ओबीसी समाज की विरोधी है। ऐसी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पूरा ओबीसी समाज तत्पर है। अपने हक की लड़ाई के लिए ओबीसी समाज को जगाने का काम इस मशाल आंदोलन के माध्यम से डंक राकांपा ओबीसी विभाग कर रहा है। गजानन चौधरी का कहना था कि इस समय जिस तरह की राजनीतिक साजिश आरक्षण को लेकर चल रही है वह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। राजनीतिक साजिश के कारण ही ओबीसी समाज को अभी तक आरक्षण का 100% लाभ नहीं मिल पाया है। वैसे भी इस समय हर स्तर पर ओबीसी समाज पीछे हैं । आज भी देश में सबसे अधिक गरीबों की संख्या ओबीसी समाज के लोगों की है। इसके साथ हैं शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में भी ओबीसी समाज पूरी तरह पिछड़ा हुआ है । दुख की बात है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी समाज को नहीं मिल रहा है। ओबीसी समाज विरोधी राजनीतिक शक्तियां आरक्षण का लाभ उठाने से इस समाज को रोकने के प्रयास में लगी है । ऐसी स्थिति में यदि अवसर आया तो ओबीसी समाज अपने हितों की रक्षा के लिए बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटेगा। साथ ही चौधरी ने केंद्र की भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि यदि ओबीसी समाज के आरक्षण को बाधित करने का राजनीतिक प्रयास किया जाता रहा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे । ऐसा करके भाजपा पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश में लगी है। लेकिन ओबीसी समाज इस साजिश को पूरी तरह नाकाम कर देगा। ओबीसी समाज की एकजुटता से ही हमें आरक्षण का लाभ मिल पाएगा। ऐसे विचार गजानन चौधरी ने व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय सामाजिक एकजुटता का आ गया है। आंदोलनकारियों ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।