जनहित का जुनूनी योद्धा है जितेंद्र आव्हाड जनहित
जनहित का जुनूनी योद्धा है जितेंद्र आव्हाड
ठाणे। राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड पूरे महाराष्ट्र में एक ऐसे जनप्रतिनिधि की छवि रखते हैं जो पहाड़ो जैसी समस्या से दूर जाने की जगह उससे टक्कर लेने में विश्वास रखते हैं। इसी संकल्प शक्ति के बल उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर सफलता अर्जित की है। सामान्य नागरिकों के दुख-सुख में अपना दुख-सूख खोजनेवाले आव्हाड जन समस्याओं से लडऩे में अधिक विश्वास रखते हैं। आज उसी का परिणाम है कि मुंब्रा-कलवा को उन्होंने विकास की धारा से जोड़ा। कल तक जिसे समस्याओं की नगरी कहा जाता था आज वहां की जनता आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता के कारण गर्व महसूस कर रहे हैं। इस विकासवादी परिवर्तन के प्रमुख वाहक मुंब्रा-कलवा के विधायक जितेंद्र आव्हाड रहे हैं। ठाणे राकांपा के वरिष्ठ नेता तथा ठाणे मनपा के पूर्व सदस्य नंदकुमार फुटाणे का कहना है कि आव्हाड की समदृष्टि के कारण ही हर दल के लोग उन्हें पसंद करते हैं। मुंब्रा-कलवा के विधायक आव्हाड के बनने के पहले यहां की जो स्थिति थी उसे समान्य शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। यहां आघारभूत समस्याओं की भरमार थी। यहां के सामान्य नागरिकों का जीवन नारकीय था। ऐसी स्थिति में जब जितेंद्र आव्हाड पहली बार मुंब्रा-कलवा से विधायक बने तो मानो यहां के भाग्य पलटने का दौर शुरू हो गया। विधायक बनने के साथ ही उन्होने सदैव उपेक्षित रहने वाले मुंब्रा, कौसा, रेतीबंदर, पारसिक नगर और कलवा की किस्मत बदलने का संकल्प लिया। एक दशक पहले मुंब्रा-कलवा की जो नारकीय स्थिति थी उससे मुक्ति दिलाने में विधायक और राज्य के गृहनिर्माणमंत्री जितेंद्र आव्हाड ने अथक मेहनत की। कम समय में यहां आधारभूत सुविधाओं का जाल बिछा दिया गया। महाराष्ट्र के ताकतवर मंत्रियों में अपना नाम दर्ज करानेवाले जितेंद्र आव्हाड की निष्ठा के प्रति समर्पण का ही फळ है कि आज वे केंद्रीय नेता राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के विश्वासपात्र राजनीतिक चेहरों में गिने जाते रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में सदैव व्यस्त रहनेवाले आव्हाड ने कभी भी मुंब्रा-ृकलवा विधानसभा और यहां के लोगों की उपेक्षा नहीं की। इसका नजारा कोरोना संकट की पहली लहर से लेकर अब तक देखा गया। उनकी सक्रियता के कारण मुंब्रा में कोरोना जैसी महामारी को करारी मात दिली थी।