संत परंपरा की सनातन भूमि रही है महाराष्ट्र



 संत परंपरा की सनातन भूमि रही है महाराष्ट्र

 

ठाणे। महाराष्ट्र संत परंपरा की सनातन भूमि रही है। यह हमारे देश के लिए आत्मगौरव की बात है। वह परंपरा अब भी यहां पूरी तरह सुरक्षित है । इतना ही नहीं ऐसे महान संतो के विचार आज भी राष्ट्रीय स्तर पर हमारे समाज के लिए प्रेरणादायीई  हैं। इस परंपरा को आगे भी कायम रखने के लिए कोशिश जारी है। भाजपा विधायक संजय केलकर ने कहा कि संतो के विचार में ही पूरे संसार का उद्धार समाहित है।  संत हर सीमा से परे हैं । वे सभी  के लिए हैं और सबके ही रहेंगे।

    माली समाज संस्था की ओर से संत शिरोमणि सावता महाराज के संजीवन समाधि अवसर निमित्त एक कार्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन ठाणे शहर में किया गया।  इसी कार्यक्रम में विधायक केलकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहां कि इस आयोजन से हमें धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रेरणा भी मिलती रही है। इस आयोजन में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मनोज शिंदे, ठाणे जिला कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण, भाजपा के प्रदेश सचिव संदीप लेले,  माली समाज संस्था के अध्यक्ष सचिन शिंदे,  कार्याध्यक्ष सचिन केदारी, कांग्रेस नेता सुखदेव गोल्फ,  नीलेश सेंड कर कॉन्ग्रेस ओबीसी विभाग ठाणे अध्यक्ष,राहुल पिंगळे , भाजपा के ठाणे शहर स्लम  सेल अध्यक्ष कृष्णा भुजबळ,  महासचिव नवनीत सिनलकर आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
    इसी अवसर पर बोलते हुए मनोज शिंदे ने कहा कि माली समाज आज ठाणे शहर में समाजोन्मुख कार्यक्रम कर रहा है।  यह प्रयास प्रशंसनीय है।  इतना ही नहीं माली समाज के द्वारा सेवाभावी काम आज भी निरंतर किए जाते रहे हैं । आगे शिंदे ने कहा कि क्रांतिसूर्य महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के स्मारक के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। जबकि भाजपा के प्रदेश सचिव संदीप लेले ने कहा कि आज जो देश में महिलाओं और पुरुषों में समानता देखी जा रही है , उसके लिए महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का ही अहम योगदान है।  उनके प्रयास के कारण ही महिलाओं को सामाजिक विभाजन के अभिशाप से मुक्ति मिल पाई है। 
    इस कार्यक्रम में जेष्ठ बांधव प्रभाकर राऊत,जालिंदर वाघुले,अशोक राऊत,संजीवनी संते,जयश्री रामाणे,शिवाजी पिंगळे,गणेश डोके,गणेश थोरात,श्रीधर रासकर,राहुल वाघमारे, विलास ताठे, चेतन बटवाल,राजेद्र देसाई, शशिकांत बधे, अरुंधती डोमाळे, अनुजा गायकवाड, नलिनी वाघुले, अनुराधा राऊत, सुजाता इळवे, मनिषा बनकर, बंडू राउत, गोरी सिनलकर, अर्चना बाळसराफ आदि समाज बांधव उपस्थित थे। आगंतुकों ने कार्यक्रम के कुशल आयोजन के लिए उनकी सराहना की।  साथ ही माली समाज संस्था की ओर से आगंतुकों के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया।

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